नई दिल्ली गाँधी नगर होलसेल रेडीमेड गारमेन्ट्स मार्केट 'एशिया की सबसे बड़ी मार्केट है।' गाँधी नगर के लगभग 10 हजार दुकानदारों द्वारा पूर्वी दिल्ली नगर निगम को कंवर्जन-चार्ज व पार्किंग चार्ज पिछले 10-11 वर्षों से करोड़ों रूपये का राजस्व दिया गया है। परन्तु नगर निगम द्वारा मास्टर प्लान-2021 के नियमानुसार जिस वार्ड से जितना पैसा निगम वसूलेगा, उसी वार्ड पर बुनियादी सुविधाओं पर खर्चा करेगाजैसा कि:- पार्किंग, सफाई, सीवर व सड़क निर्माण कार्य पर खर्च करेगा। परन्तु नगर निगम द्वारा खर्चा ना करने के कारण गाँधी नगर की स्थिति दयनीय बन गयी हैबिजली, पानी, सीवर संपत्तिकर सभी कमर्शियल रेट से लिये जाते हैं। गाँधी नगर मैनरोड, रघुवरपुरा रोड व पुश्ता रोड पर अतिक्रमण की भरमार है। आम आदमी पैदल नहीं चल सकता। दुकानदारों द्वारा दुकानों के बाहर माल लगाया हुआ है। सड़कों पर खाने-पीने का सामान बेचने वालों व रेहड़ी वालों का आतंक है। ट्रांसोर्स/टैम्पो सारा दिन धड़ल्ले से माल की लोडिंग/अनलोडिंग करते हैं। ई-रिक्शा, ऑटो डिलीवरी वैन मीटर के माल ढुलाई करते हैं। जो कि ट्रैफिक के नये नियम का उल्लंघन है। परन्तु ट्रैफिक पुलिस द्वारा मैनरोड, पुश्तारोड पर कमर्शियल वाहनों पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है। धड़ल्ले से माल लादकर बिना मीटर चलते हैं। मैनरोड गाँधी नगर पर पुरानी भगवान दास की कोठरी के सामने शराब की दुकान है। शाम में भारी भीड़ लग जाती है। सामने बिजली के ट्रांसफार्मर के साथ अण्डे वाले, सलाद वाले, नमकीन बेचने वाले, पान-तम्बाकू की रेहड़ियाँ लगती है। साथ ही गली में कैम्पा-सोडा की दुकान पर मजमा लगा रहता है। रास्ता से वाहन/पैदल चल नहीं सकते कई बार शिकायत करने के बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं होती। मार्केट की गलियों में बिजली के खम्भों पर तारों के झुण्ड बने हुए हैं। तारें लटक रही है। कई जगह तारें इतनी ज्यादा नीचे हो गयी है कि रिक्शा माल से लदा हुआ तारों को छूकर निकलता है। कुछ खम्भे झुक गये हैं। उनकी कई बार शिकायत की गयी हैकोई सुनवाई नहीं होती है। गाँधी नगर को बीएसईएस का कम्पलेन्ट दफ्तर निष्क्रिय है। वहाँ से कोई भी शिकायत स्वार्थपूर्ति के बिना नहीं करते। मैन गलियों में ट्रांसफार्मर बीचोबीच सड़क पर लगे हुए हैं। उनके सहारे खाने-पीने का सामान बेचने वालों ने गैस सिलेण्डर, तन्दूर भट्ठियाँ लगायी हुई है। जिससे कभी भी मार्केट में बड़ा हादसा हो सकता है। संस्था द्वारा कई बार इसकी शिकायत सम्बन्धित विभागों को की गयी है। परन्तु किसी भी विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी है। बिजली विभाग भी अपनी कोई जिम्मेदारी नहीं समझता है। मार्केट में पिछले पाँच-छः वर्षों से सड़कें नहीं बनी है। सड़कों पर खड्डों की भरमार है। आये दिन माल से लदी हुई ठेली/रिक्शा पलटती रहती है। बारिस में पानी भर जाता है। नगर निगम बजट में पैसे की कमी का बहाना बनाकर टालता रहता हैकई बार बिजली, पानी विभाग द्वारा सड़क की खुदाई करके तार/पाईप डाल जाता है। विभाग नगर निगम को रोड कटिंग का पैसा देकर कार्य करता है। परन्तु नगर निगम वह पैसा भी इधर-उधर खचे करके सड़क के रिपेयरिंग नहीं करता। महीनों तक सड़कें टूटी रहती है।मार्केट में देश के कोने-कोने से व्यापारी आता है। आये दिन व्यापारी के साथ पैसा निकालने की घटनायें होती है। मार्केट में कुछ गिरोह सक्रिय हैं, जो कि पाँच-छ: लड-के व्यापारी को निगाह करके किसी भी भीड़भाड़ की जगह पर धक्का देकर जेब में से पैसा निकाल लेते हैं। काफी घटनाओं की शिकायत पत्र द्वारा व बैठकों में जानकारी दी गयी है। बाहर के व्यापारी के नाते/समय का अभाव व सहयोग ना मिलने के कारण एफ.आई.आर नहीं होती है। दुकानों के शटर तोड़कर कैश की चोरी अक्सर सीजन के समय पर होती है। कई बार काफी रकम निकल जाती हैं। गाँधी नगर मार्केट में सीवर की समस्या गम्भीर रूप धारण कर चुकी है। यहाँ पर व्यापारियों का निरन्तर आना-जाना व दुकानों की संख्या निरन्तर बढ़ रही है। सीवर लाईन अक्सर बन्द हो जाती है। गलियाँ संकरी होने के कारण छोटी गाडियों द्वारा ही सफाई हो पाती है। परन्तु छोटी गाड़ियों की संख्या कम होने के कारण हमें कई कई दिनों तक इन्तजार करना पड़ता है, तब जाकर नम्बर आता है। सीवर का गन्दा पानी मैन होल ढक्कन से आता है। जिसके कारण सड़क पर बदबूदार पानी फैला रहता है। बदबू के कारण दुकानदारों को दुकान पर बैठता मुश्किल हो जाता है। मार्केट में गलियों की सफाई के सन्दर्भ में पूर्वी दिल्ली नगर निगम के सफाई कर्मचारियों द्वारा कई कई दिन तक कूड़ा नहीं उठाया जाता है। नियमित रूप से सफाई नहीं होती। कूड़े का ढेर विशेषकर सरकारी छुट्टी व रविवार के दिन नहीं उठते हैं। गाँधी नगर मार्केट सोमवार को छुट्टी रहता है। छुट्टी वाले दिन मार्केट की सफाई अच्छे तरीके से की जा सकती है व नालियाँ भी साफ करके कचरा उठाया जा सकता है। गाँधी नगर पुलिस स्टेशन के पास कूड़ाघर पर सड़क तक कूड़ा रहता है। सड़क से निकलने का रास्ता नहीं मिलता है। इस और विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
गांधी नगर की होलसेल रेडीमेड गारमेन्ट्स मार्केट में बुनियादी सुविधाओं का अभाव