राज्य सरकार के साथ व्यापारियों ने की कृषि प्रसंस्करण औद्योगिक नीति 2019 पर व्यापक चर्चा
हम व्यापारी ब्यूरो
जयपुर। राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ ने राज्य मे उद्योग के चहुमुख विकास के लिए सरकार को राजधानी मण्डी जयपुर को हर्बल मण्डी घोषित कर इसके 100 किमी. के एरिये में हर्बल उद्योग लगाये जाये का सुझाव दिया है। संघ ने इसके लिए सरकार को एक ब्लू प्रिंट भी दिया है। इसके पूर्व संघ के पदाधिकारियो का एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री से मिला और उनसे कृषि प्रसंस्करण औद्योगिक नीति 2019 पर चर्चा की। संघ के चेयरमैन बाबूलाल गुप्ता ने बताया कि गत 23 अक्तूबर को व्यापारियो का एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री से मिला और उनकी सरकार द्वारा तैयार की जाने वाली कृषि प्रसंस्करण औद्योगिक नीति 2019 के संबंध में विस्तारपूर्वक चर्चा हुई। विचार-विमर्श हुआ कि पूर्व संचालित औद्योगिक इकाईयों के लिए यथा- तेल मिल, आटा मिल, दाल मिल, मसाला उद्योग, राईस मिल तथा काटन जिनिंग फैक्ट्रियों के संचालन हेतु आवश्यक पूंजी न्यूनतम ब्याज दर पर उपलब्ध कराई जायेजी.एस.टी., कृषि मण्डी, बिजली की दरों आदि में छूट प्रदान की जाये। पुरानी मीलों का नवीनीकरण करने के लिए तथा संयुक्त परिवर्तन, परिवर्धन और परिमार्जन तथा बिल्डिंग आदि के निर्माण पर आर.एफ.सी. आदि वित्त संस्थाओं से या तो रियायती दर पर धन उपलब्ध कराया जाये । औद्योगिक इकाईयों को आधुनिक तकनीक से परिपक्व करने के लिए एम्प्लायर को ट्रेनिंग दिलाने का प्रावधान किया जायेनई खाद्य संबंधी प्रसंस्करण इकाईयों के लिए नई नीति के माध्यम से राज्य में अधिकतम पैदा होने वाले कृषि जिंस यथा- सरसों, बाजरा, धनिया, ईसबगोल, मेहंदी, मूंग तथा चना को नई तकनीक से प्रसंस्करित करने के लिए अनुसंधान केन्द्र की स्थापना की जाये। जिन क्षेत्रों में कृषि जिंस की अधिक पैदावार हो रही है उसी कृषि जिंस से संबंधित उस क्षेत्र में प्रसंस्करण इकाई लगायी जाये। उसके समुचित भण्डारण के लिए वहीं पर कोल्ड स्टोरेज तथा पैकिंग हाउसेज बनाये जायेयह सुनिश्चित किया जाये कि प्रसंस्करण इकाई के लिए सस्ती दर पर भूमि उपलब्ध हो और सस्ती बिजली पानी की भी व्यवस्था की जाये। लाईसेन्स जारी करने वाला महकमा के अधिकारी स्वयं उद्योग पर जाकर लाईसेन्स जारी करें। उन्होंने सरकार को यह भी सुझाव दिया गया कि ऐसे उद्योग जिनकी संरचना से राज्य के लोगों को भरपूर रोजगार मिल सकता है और राज्य में हो रहे कृषि उत्पादों में दोनों का वेल्यू एडिशन भी हो सकता है, लगाये जाये। गुप्ता ने बताया कि राजधानी मण्डी जयपुर को हर्बल मण्डी घोषित कर इसके 100 किमी. के एरिये में हर्बल उद्योग लगाये जाये। भवानीमण्डी व झालावाड़ में संतरा के उद्योग, नागौर में कस्तूरी मेथी का उद्योग, सोजत में मेहंदी योजन का उद्योग, अधिक जौ उत्पादन करने वाली मण्डियों के पास माल्ट और बीयर की फैक्ट्रियां लगे। भीलवाड़ा व प्रतापगढ़ के पास मक्का से बनने वाला स्टार्च तथा पोपकार्न की फैक्ट्रियां लगे। अमचूर की फैक्ट्रियां बांसवाड़ा-डूंगरपुर में लगायी जानी चाहिये। एम.एस.एम.ई. के उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए नगर निगम द्वारा आरक्षित प्रदर्शन स्थलों में 30 प्रतिशत भाग रियायती दरों पर एम. एस.एम.ई को उपलब्ध करवाया जाना चाहिये।